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इंग्लैंड के इस क्रिकेट लीजेंड ने विराट कोहली को चुना अपने बेस्ट XI का कप्तान

इंग्लैंड के क्रिकेट लीजेंड, पूर्व कप्तान, कमेंटेटर और अपने युग के सबसे स्टाइलिश बाएं हाथ के बल्लेबाज माने जाने वाले डेविड गॉवर ने कहा है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली का प्रदर्शन टेस्ट फॉर्मेट को नए आयाम पर पहुंचा रहा है और वह विराट को अपनी बेस्ट इलेवन का कप्तान बनाएंगे। गॉवर ने स्पोर्ट्स टाइगर के शो ऑफ-द-फील्ड पर अपने शानदार क्रिकेट करियर, टेस्ट क्रिकेट, एशेज, आईपीएल का प्रभाव, विराट कोहली और खेल पिछले कुछ वर्षों में कैसे बदल गया है, इन सभी मुद्दों पर चर्चा की।

117 टेस्ट एवं 114 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रमश: 8231 एवं 3170 रन बनाने वाले इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टीम इंडिया के कप्तान विराट और टेस्ट क्रिकेट के लिए उनके प्यार से काफी प्रभावित लग रहे थे। विश्व क्रिकेट में दुनिया के प्रमुख बल्लेबाज विराट टेस्ट क्रिकेट को सबसे कठिन और महत्वपूर्ण फॉर्म मानते हैं। यह टेस्ट प्रारूप के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात है।

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गॉवर ने वर्तमान खिलाड़ियों को लेकर अपनी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट इलेवन भी चुनी और कहा कि बेन स्टोक्स और विराट कोहली को वह तुरंत अपनी बेस्ट इलेवन में शामिल कर लेंगे इसमें कोई दो राय नहीं है। उन्होंने जो रूट, केन विलियमसन और स्टीव स्मिथ को भी टीम का हिस्सा चुना। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान समय में से किसी स्पिनर को चुना जाना चाहिए तो वह ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन और भारत के रविचंद्रन अश्विन में से एक को चुनेगें।

उन्होंने यह भी कहा, “अगर मुझे टीम के लिए एक कप्तान चुनना है तो यह निश्चित रूप से विराट ही होंगे, मुझे विराट में उनकी प्रतिभा के अलावा जो सबसे ज्यादा पसंद है वह खेल के प्रति उनका जुनून है। क्रिकेट एक ऐसा खेल हैं जहां एक खिलाड़ी भी खेल को पलट सकता है। हालांकि एक खिलाड़ी पर निर्भर होना भी हानिकारक हो सकता है, लेकिन विराट अपनी टीम में एक असाधारण खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर ही पूरी टीम को जिता सकते हैं।”

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भारत और ऑस्ट्रेलिया में खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने के अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर गॉवर ने कहा, “1980 में मुंबई में जुबली टेस्ट मैच था और उन दिनों में टेस्ट मैचों में स्टेडियम दर्शकों से भरे होते थे। मैदान में 50,000 लोगों का शोर होता था जो भारत का समर्थन करते थे। मैंने लोगों से हमेशा कहा है कि आप भारत या मेलबोर्न जा रहे हैं तो यह दोनों अलग-अलग अनुभव है। उदाहरण के लिए मेलबोर्न में एशेज के दौरान बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेला जाता है तो उस समय ग्राउंड में लगभग 80-90,000 लोग होते हैं, जिसमें से 79,990 लोग ऑस्ट्रेलिया का समर्थन कर रहे होते हैं।”

उन्होंने कहा कि यह एक इम्तिहान की घड़ी होती है, क्योंकि आप जब मैदान से बाहर जा रहे होते हैं और आपको पता होता है दर्शकों की सारी भीड़ विपक्षी टीम का समर्थन कर रही होती है, उस समय दर्शकों के सामने सही प्रतिक्रिया देना एक कड़ी चुनौती होती है। गॉवर ने एशेज में इंग्लैंड की कप्तानी की है और आठ एशेज सीरीज में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया है।

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उन्होंने एशेज सीरीज पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इस सीरीज का शानदार इतिहास रहा है, एक इंग्लिश और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के लिए इसका मतलब डॉन ब्रैडमैन, कीथ मिलर, लेन हटन, वाली हेमंड और डब्ल्यूजी ग्रेस का इतिहास है। पहली बार जब मैं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में ड्रेसिंग रूम में था, तो मैं आस-पास देख रहा था और सोच रहा था कि इतिहास के बहुत से महान खिलाड़ियों की यादें इन कमरों के साथ जुड़ी हुई हैं और ये एशेज सीरीज का इतिहास बयान करती है।” उन्होंने कहा, “जब मैं 1985 में ओवल में एक विजेता कप्तान के रूप में वहां खड़ा था तो, वह अद्भुत क्षण था लेकिन जब चार साल बाद हारने वाली टीम के कप्तान के रूप में मैं वहां खड़ा था तो उससे बुरा क्षण शायद मेरे लिए कुछ नहीं था। यह इस महान सीरीज के इतिहास के उतार-चढ़ाव हैं जो मैंने देखे हैं।”

Source:-livehindustan

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